आज सुबह सुबह जैसे मैंने प्याला हाथ में लिया तो चाय का रंग कुछ
फीका सा लगा . मैंने गुड्डू की माँ से पूछा - क्या बात है आज चाय पत्ती
बहुत कम डाली है चाय में ..एक दम रंगहीन सी दिख रही है मनमोहन
सिंह की तरह ... तो वो बोली - आज चाय नहीं मसाला दूध दिया है .
चुपचाप पी लो जैसे अडवानी जी अपने आंसू पी रहे हैं .
मैंने कहा दूध क्यों, चाय क्यों नहीं ? वो बोली -आज आपका त्यौहार है दूध
पीने वाला . मैंने पूछा मेरा कौन सा त्यौहार ? बोली नाग पंचमी ....हा हा हा
जय हिन्द !
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